
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के नाम पर 16 वर्षीय छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. पीड़िता का आरोप है कि टीबी के इलाज करने के नाम पर डॉक्टर ने उसके साथ अश्लील हरकत की. पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. एफआईआर दर्ज होते ही आरोपी डॉक्टर फरार बताया जा रहा है. पुलिस आरोपी डॉक्टर की धरपकड़ में जुटी हुई है।
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10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने बताया कि साल 2021 से उसका इलाज दून सरकारी अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था. इसी दौरान 22, फरवरी 2021 को जब वह चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गई. जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वह पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा. ऐसे में 4 मार्च, 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीवी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिले।
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छात्रा के मुताबिक वह तीन बहने हैं, भाई की भी कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है. ऐसे में उसकी मौत से परिवार को टूट ना जाए, इसलिए उनसे खुदकुशी नहीं की साथ ही पिता को सारी बातें बताई. जिसके बाद पीड़िता के पिता ने बेटी से मिले सभी पर्याप्त फॉन कॉल्स और मैसेज को सबूत के तौर पर कोतवाली पुलिस के समक्ष पेश कर तहरीर दी है. जिसके आधार पर गुरुवार शाम आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद के खिलाफ पुलिस ने संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल, पुलिस इस मामले में दून अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में तैनात फरार डॉक्टर अयोध्या प्रसाद की तलाश में जुटी है।
पुलिस ने आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (क) छेड़छाड़ उत्पीड़न, 504, 506 लैंगिक अपराध, बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत धारा 7 और 8 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि बीमारी नॉर्मल होने के बावजूद आरोपी डॉक्टर ने चेकअप के बहाने नाबालिग को बुलाया और उसका शारीरिक उत्पीड़न किया। पीड़िता ने परेशान होकर आत्महत्या का भी मन बनाया था।