प्रदेश में अब लिव इन के रूप में रहना आसान नहीं होगा। प्रदेश में लागू होने वाली समान नागरिक संहिता में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर नियम सख्त किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत लिव इन में रहने वाले युगल का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। अनिवार्य पंजीकरण न करने पर छह माह का कारावास या 25 हजार रुपये दंड अथवा दोनों का प्रविधान होगा।
यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके मुताबिक, सिर्फ एक व्यस्क पुरुष व वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने के लिए अनिवार्य पंजीकरण एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर कराना होगा।
आज बड़े पैमाने पर लोगों का लिव इन रिलेशनशिप में रहना एक फैशन सा बन गया है। जब एक पुरुष और एक महिला बिना शादी किए एक छत के नीचे रहते हैं, तो ऐसे रिश्ते को लिव इन रिलेशनशिप कहा जाता है। इस रिश्ते में शादी – ब्याह वाली किसी परंपरा का निर्वहन नहीं किया जाता है। लेकिन इसमें होने वाली धोखाधड़ी,मारपीट और हत्या जैसी घटनाओं के बढ़ने के बाद अब इसके लिए भी कुछ कानून बनाए जाने की कोशिश की जा रही है।