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सिपाही ने थोड़ा आगे जाकर देखा तो रसीद फर्जी थी जिस पर किसी और गाड़ी का नंबर डला था। वीर सिंह ने दोबारा टोल पर पहुंचकर फर्जी रसीद देने पर आपत्ति जताई। आरोप है कि विवाद होने पर टोल पर मौजूद 10-12 कर्मचारियों ने लाठी-डंडों से वीर सिंह पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं गाड़ी में तोड़फोड़ करते हुए वीर सिंह का मोबाइल फोन छीन लिया।
टोल प्लाजा कर्मचारियों के ऐसे कृत्यों का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस प्लाजा के कर्मचारियों ने यात्रियों के साथ मारपीट की है। बाहरी लोग होने के कारण सभी चले जाते थे लेकिन पहली बार टोलकर्मियों पर शिकंजा कसा गया।