
उत्तराखंड भूकंप संवेदनशील राज्य में आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से ‘भूदेव एप’ डाउनलोड करने की अपील की है। यह ऐप उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आईआईटी रुड़की के सहयोग से विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र में आता है, क्योंकि राज्य का अधिकांश भाग सिस्मिक जोन-4 और जोन-5 में स्थित है।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य में अलग-अलग स्थानों में 169 सेंसर और 112 सायरन लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जब भूकंप आता है, तो दो तरह की तरंगें निकलती हैं, जिन्हें हम प्राइमरी और सेकेंडरी तरंग कहते हैं।
प्राइमरी तरंगें पहले निकलती हैं। जब भूकंप आएगा तो अलग-अलग स्थान पर लगे सेंसर प्राइमरी तरंगों को डिटेक्ट कर लेंगे। यदि 5 से अधिक तीव्रता का भूकंप आएगा तो इन सेंसरों के माध्यम से सीधे भूदेव ऐप के जरिए मोबाइल फोन में सायरन बज उठेगा। सेकेंडरी तरंगों के आने से 15 से 30 सेकेंड पहले यह चेतावनी मिल जाएगी और लोग सावधानी बरतते हुए अपनी व अपने परिजनों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगे।