राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों का राष्ट्र को किया समर्पण 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चंडीगढ़ में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ की पहचान देवी मां चंडी से जुड़ी है, जो शक्ति और सत्य की प्रतीक हैं, और यही दर्शन इन नए कानूनों के निर्माण का आधार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता का लागू होना राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह भारतीय संविधान के 75 वर्षों की उपलब्धि और विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नए कानूनों के निर्माण में अहम योगदान
प्रधानमंत्री ने इन कानूनों के निर्माण को व्यापक और गहन प्रक्रिया बताया, जिसमें कई न्यायिक और कानूनी विशेषज्ञों का योगदान रहा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों, न्यायिक अकादमियों और नागरिक समाज के विशेषज्ञों ने अपने विचार दिए। प्रधानमंत्री ने इन कानूनों के लिए सभी योगदानकर्ताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह नई न्याय संहिता भारत की न्यायिक यात्रा में मील का पत्थर साबित होगी।

औपनिवेशिक मानसिकता को समाप्त करना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य भारतीयों को शोषित करना था। उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद लागू किए गए कानूनों में कभी भी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई। अब, नई न्याय संहिता के लागू होने के साथ, देश औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकल चुका है और एक नई दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

न्याय संहिता में नवाचार
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई न्याय संहिता नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाली है और इसे पूरी तरह से समानता, सद्भाव और सामाजिक न्याय के आधार पर तैयार किया गया है। इस संहिता के तहत पुलिस को अब किसी व्यक्ति को अपनी मर्जी से हिरासत में नहीं लेना होगा, और एफआईआर दर्ज करवाना अब सरल होगा। इसके अलावा, पीड़ितों को मामले की प्रगति के बारे में जानकारी डिजिटल माध्यम से मिलेगी।

समाज की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नई संहिता महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील है। विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में त्वरित सुनवाई और फैसला सुनाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, आरोपियों को जल्दी सजा दिलाने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।

नई न्याय संहिता का असर
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई न्याय संहिता की मदद से अब त्वरित न्याय प्रदान करना संभव होगा। उन्होंने चंडीगढ़ का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां वाहन चोरी के मामले में महज दो महीने में सुनवाई पूरी की गई। इसी तरह, अन्य क्षेत्रों में भी त्वरित न्याय की प्रक्रिया लागू की जा रही है, जो भारतीय न्याय संहिता की शक्ति और प्रभाव को दर्शाता है।

न्याय संहिता के भविष्य में योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह नई संहिता न केवल न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि इससे देश की प्रगति में भी तेजी आएगी। इससे निवेश में वृद्धि होगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि देश में न्याय का तंत्र अब और भी पारदर्शी, प्रभावी और नागरिकों के हित में कार्य करने वाला होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर चंडीगढ़ प्रशासन के सभी अधिकारियों और नागरिकों को बधाई दी और इस महत्वपूर्ण कदम को राष्ट्र के विकास की दिशा में एक अहम मोड़ बताया।

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