उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली जिला जज को किया निलंबित, बयान के दौरान अनुपस्थित रहने
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली के जिला न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया। साथ ही चंपावत जिला एवं सत्र न्यायालय कार्यालय में अटैच कर दिया है।
देहरादून में ई रिक्शा चालकों के खिलाफ आरटीओ की बड़ी कार्रवाई, 100 ई रिक्शा सीज
उन्हें 14 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन पर गवाही के दौरान डायस पर मौजूद नहीं होने का आरोप है। हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल अनुज संगल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 24 जुलाई को धनंजय चतुर्वेदी की कोर्ट में अनुपस्थिति में गवाही हुई और गवाही की वीडियो रिकार्डिंग हुई।
न्यायालय की वीडियो क्लिप रिकॉर्डिंग से स्पष्ट रूप से देखा गया। ये वीडियो रिकार्डिंग किसने की, क्यों की, इसका वह सही जवाब नहीं दे सके। इस मामले में हाईकोर्ट को शिकायत के साथ वीडियो-क्लिपिंग भी भेजी गई थी, जिसमें साक्ष्य रिकॉर्ड किया जा रहा था और-पीठासीन अधिकारी, अदालत में मौजूद नहीं थे। हाईकोर्ट ने धनंजय चतुर्वेदी के खिलाफ आरोपपत्र जारी करके उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 2003 के नियम 7 के तहत उनके खिलाफ नियमित जांच शुरू की है।
आदेश में स्पष्ट है कि निलंबन के दौरान धनंजय चतुर्वेदी को चंपावत में सत्र न्यायाधीश कार्यालय में संबद्ध किया गया है। फिलहाल, जिला जज चमोली के रूप में अब धनंजय चतुर्वेदी की जगह किस को जिम्मेदारी दी गई है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। उधर दूसरी तरफ, एक और आदेश जारी हुआ है जिसमें रुद्रप्रयाग जिला जल सुमन यादव को नैनीताल में जिला जज के रूप में स्थानांतरित किया गया है।