उत्तराखंड : यहां सास ने बचाई गुलदार से बहू की जान
चारापत्ती के लिए जंगल गई फलई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी ने बृहस्पतिवार सुबह गुलदार के साथ हुए संघर्ष में बहादुरी से भिड़कर अपनी और अपनी बहू पूनम की जान बचा दी। हालांकि इस संघर्ष में जानकी देवी को भी गहरी चोटें लगी है लेकिन उनकी बहादुरी से दो जाने बच गई।
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बृहस्पतिवार को 11 बजे फलई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी पत्नी सते सिंह राणा अपनी बहू पूनम देवी पत्नी केशव सिंह के साथ मवेशियों के लिए घास लेने जंगल गई थीं। दोनों घास काट रही थीं। कुछ दूरी पर अन्य महिलाएं भी थीं। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे गुलदार ने पूनम देवी पर हमला कर दिया। यह देख जानकी देवी चिल्लाते हुए गुलदार से भिड़ गईं। इस पर गुलदार ने पूनम को छोड़ दिया और जानकी देवी को घसीट कर ले जाने लगा।
इस पर, पूनम समेत अन्य महिलाएं चिल्लाने लगीं। लेकिन जानकी देवी ने हिम्मत नहीं हारी। एक तरफ गुलदार उन्हें घसीटता हुआ आगे बढ़ रहा था तो दूसरी तरफ उन्होंने गुलदार पर दरांती से हमला शुरू कर दिया, जिससे उसके मुंह पर चोट भी आई। सभी महिलाओं के चिल्लाने और जानकी देवी के हमले से परेशान होकर आखिर गुलदार उन्हें छोड़कर भाग गया।
ग्रामीणों की सूचना पर उत्तरी जखोली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी पूर्ण सिंह रावत महिला का हालचाल पूछने सीएचसी पहुँचे। उन्होंने बताया कि हमले की सूचना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है, घायल को नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।। वही ग्रामीणों ने वन क्षेत्राधिकारी से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने और उसे आदमखोर घोषित करने की मांग की है। जिस पर वन क्षेत्राधिकारी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि घायल गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में फोरेस्ट गश्त बढ़ाने के साथ ट्रैप कैमरे लगाकर लोकेशन ट्रैक किए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।