
एलआईसी का शेयर 17 मई को 872 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुआ था। सरकार ने एलआईसी के शेयर का इश्यू प्राइस 949 रुपये प्रति शेयर तय किया था। लिस्टिंग के बाद से ही एलआईसी का शेयर इश्यू प्राइस से निचले स्तर पर बना हुआ है।
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सरकार ने शुक्रवार को कहा कि एलआईसी के शेयर (LIC Shares) में गिरावट को लेकर वह ‘चिंतित’ है। हालांकि उसने इस गिरावट को अस्थायी बताया। सरकार ने कहा कि बीमा कंपनी प्रबंधन इन पहलुओं को देखेगा और शेयरधारकों के मूल्य में वृद्धि करेगा। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर 17 मई को 872 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुआ था। सरकार ने एलआईसी के शेयर का निर्गम मूल्य 949 रुपये प्रति शेयर तय किया था।
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इससे पहले उसके आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को करीब तीन गुना अभिदान मिला था। सूचीबद्ध होने के बाद से ही एलआईसी का शेयर निर्गम मूल्य से निचले स्तर पर बना हुआ है। यह इस दौरान 708.70 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर और 920 रुपये प्रति शेयर के ऊंचे स्तर तक गया।
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा, ‘‘हम एलआईसी के शेयर मूल्य में आई गिरावट को लेकर बहुत चिंतित हैं, यह गिरावट अस्थायी है। लोगों को एलआईसी की मूलभूत बातों को समझने में वक्त लगेगा। एलआईसी का प्रबंधन इन सभी पहलुओं को देखेगा और शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ाएगा।”
एलआईसी का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 709.70 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। बीमा कंपनी के शेयर में बढ़त की संभावना के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के अंत में रहे अंतर्निहित मूल्य से बीमा कंपनी की बेहतर तस्वीर सामने आएगी। उन्होंने कहा, “जून के अंत तक एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य संबंधी नई जानकारी मिलेगी।”
सेबी के पास जमा दस्तावेजों के मुताबिक सितंबर 2021 के अंत में एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य 5.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। अधिकारी ने कहा, बाजार को मार्च का अंतर्निहित मूल्य पता नहीं चल पाया है इसलिए अटकलों का बाजार गर्म है। बीमा कंपनियों की भावी वृद्धि की दर का पता इसी मूल्य से चल सकता है।