उत्तराखंडदेहरादून

पहाड़ो की रानी में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

मसूरी के निकटवर्ती क्षेत्र में 500 साल से ज्यादा पुराने नाग मंदिर जो ग्राम सभा भट्टा क्यारकुली मैं है। यह हर वर्ष नाग पंचमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है सर्वप्रथम ग्राम भट्टा से पैदल नाग देवता की यात्रा निकालते हैं जो की नाग मंदिर तक लाई जाती है, तत्पश्चात एक सप्ताह का श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ पूर्ण किया जाता है और यह नाग पंचमी के दिन ही पूर्ण होता है इसके पश्चात यह डोली नाग पंचमी के दिन ही शाम को वापस अपने गंतव्य स्थान को चले जाती है। जिससे स्थानीय लोग बड़े धूमधाम से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य करते हुए वापस अपने स्थान पर ले जाते हैं।

कहा जाता है कि वर्षों पहले एक गाय चरकर शाम के समय अपने गौशाला में पहुंचती थी, तो उसके थनों में दूध नहीं पाया जाता था। वह अपना दूध पत्थर पर छोड़कर आती थी, जिसे नाग देवता पी जाते थे। ऐसे में गाय के मालिक ने गाय का पीछा किया, तो देखा कि गाय अपने दूध को पत्थर पर छोड़ती है और उस दूध को नाग पी रहे थे। तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर की स्थापना की गई और क्यारकुली भट्टा गांव के लोग नाग देवता को कुलदेवता मानने लगे।

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