मथुरा

मथुरा में 101 निरंकारी भक्तों ने किया उत्साहपूर्वक रक्तदान 

निरंकारी भक्तों ने निभाया मानव धर्म – सी एम ओ

मथुरा( सतीश मुखिया): अंजाने लोगों से खून का रिश्ता जोड़ने के लिए वह अलग अलग शहरों से आए मथुरा और पहुंच गए हाइवे नवादा स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित रक्तदान शिविर में, जहां उन्होंने विपरीत मौसम तपती गर्मी की परवाह किए बगैर उत्साहपूर्वक मानवहित में स्वेच्छा से रक्तदान कर परोपकार की भावना को उजागर किया।

निरंकारी मीडिया सहायक किशोर स्वर्ण ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज की प्रेरणा से आध्यात्मिक वातावरण में हुए रक्तदान शिविर में मथुरा जोन के सादाबाद, हाथरस, फरह, कोसीकलां आदि स्थानों से आए 155 निरंकारी सेवादार भक्तों ने नामांकन कराया, जबकि 101 भक्त ही रक्तदान कर सके। शिविर का उद्घाटन एडिशनल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा संजीव यादव तथा दिल्ली से आए प्रसिद्ध साहित्यकार एवं निरंकारी पत्रिका एक नजर के सम्पादक श्री श्रीराम प्रजापति जी ने किया।

मुख्य अतिथि एडिशनल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा संजीव यादव ने निरंकारी मिशन के रक्तदान शिविर की प्रशंसा करते हुए कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य का काम है, जो मानवहित में सबसे बड़ा परोपकार है। रक्त का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए रक्तदान की जरूरत ज्यादा है। सत्गुरू की प्रेरणा पाकर निरंकारी भक्त जिस उत्साह के साथ रक्तदान कर रहे हैं, यह मानव धर्म ही तो निभा रहे हैं।

इस मौके पर दिल्ली से आए एक नजर के सम्पादक श्री श्रीराम प्रजापति  ने स्वयं रक्तदान करके रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया, तदोपरांत मानव एकता दिवस सत्संग को सम्बोधित करते हुए श्रीराम प्रजापति  ने कहा कि रक्तदान करके हम किसी पर अहसान नहीं कर रहे, मानव होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम किसी के काम आए। उन्होंने बाबा हरदेव सिंह के दीवार रहित संसार के भाव को स्पष्ट करते हुए कहा कि दीवारों के बिना विश्व की परिकल्पना तभी साकार होगी जब मनों से गैरपन की दीवारें गिरेगी। मानव एकता के तहत रक्तदान करके हम उन लोगों से खून का रिश्ता जोड़ रहे हैं, जिंहें हम जानते तक नहीं है।

उन्होंने समाज के उत्थान के लिए बाबा गुरबचन सिंह जी द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाओं को याद करने के साथ ही उन सिखलाईयों को आत्मसात भी करना होगा। शादी उत्सव में बाहरी दिखावे की बजाय सादगी के साथ विवाह आयोजन की आज जरूरत है, वहीं नशे से दूर रहने के संकल्प के साथ हम बाबा गुरबचन सिंह  को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपसी प्यार और मिलवर्तन के साथ रहते हैं तो एकता प्रदर्शित होती है। धर्म के नाम पर हो रही हिंसक घटनाओं से सबक लेते हुए हमें सद्भाव और भाईचारे की ओर कदम बढ़ाने होंगे। सारी दुविधाओं को दूर करने का आसान तरीका यही है कि परमात्मा को अपने जीवन का आधार बनाएं। मन का नाता प्रभु के साथ बना रहे। सत्गुरू की शिक्षाओं को हुबहू अपनाने से जीवन में निखार आयेगा।

मथुरा के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने बताया कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह के संदेश ‘रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहे” को चरितार्थ करते हुए 1986 से अब तक 14 लाख 5 हजार से ज्यादा निरंकारी भक्त रक्तदान कर चुके है। भक्तों का यही उत्साह इस बार भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा  महाराज के मार्गदर्शन में संत निरंकारी मिशन सदैव ही समाज कल्याण के लिए प्रयासरत है, मिशन एक ओर जहाँ सत्य के बोध द्वारा मानव जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त कर रहा है, वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान के सक्रिय आयोजन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज विश्वभर में निरंकारी मिशन का सत्य, प्रेम एवं मानवता का संदेश जन-जन तक पहुँच रहा हैं।

निरंकारी सेवादल के क्षेत्रीय संचालक अजय यादव, सेवादल संचालक अशोक दयालु और शिक्षक योगेश कुमार के साथ समस्त सेवादल के सदस्य जहां व्यवस्थाओं में जुटे रहे, वहीं रक्तदान में भी आगे रहे। शिविर में मथुरा के महर्षि दयानंद सरस्वती जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक की डा. गीता सिंह के नेतृत्व में दस सदस्यीय स्टाफ टीम ने जांच के बाद लगभग 101 यूनिट रक्त संग्रहित किया। जिसमें परामर्शदाता शुशीला शर्मा भी शामिल रहे। रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र भी दिए गए। मथुरा के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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