![uttarakhand 24](https://uttarakhand24.in/wp-content/uploads/2023/01/uttarakhand-rahuk-gandhi-640x470.jpg)
जम्मू के उधमपुर से होकर गुजर रही भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी सहित उत्तराखंड के कई कांग्रेस नेताओं ने जोशीमठ को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। यात्रा के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही, मंगलवार को उत्तराखंड के तमाम नेता इसमें अपनी भागीदारी निभाने के लिए एक साथ जम्मू उधमपुर पहुंचे थे।
Rudrapur: आंगनबाड़ी केंद्रों में मासूमों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़.. खराब दवा मिलने पर मचा हड़कंप
इस दौरान राहुल गांधी सहित उत्तराखंड के तमाम दिग्गजों के हाथ में जोशीमठ बचाओ के प्लेकार्ड नजर आए। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि राहुल गांधी ने इस मौके पर जोशीमठ के हालात को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कहा कि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी रूरी है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को प्राथमिकता के आधार पर विस्थापित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ऋषिगंगा त्रासदी से सबक लेकर अगर सरकार समय रहते चेत जाती तो जोशीमठ भूधंसाव की समस्या से बचा जा सकता था। कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष करन माहरा ने फोन पर ‘पीटीआई/भाषा’ को बताया कि गांधी ने यह बात जम्मू—कश्मीर के ऊधमपुर जिले में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान पार्टी की उत्तराखंड इकाई के नेताओं से कही। माहरा ने बताया कि उनके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश पार्टी प्रभारी देवेंद्र यादव, उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, हरक सिंह, विधायक मदन बिष्ट, विक्रम नेगी सहित दर्जनों पार्टी नेता ‘जोशीमठ भूधंसाव’ के मुद्दे को लेकर गांधी के साथ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए। इस दौरान गांधी सहित सभी नेताओं ने हाथों में ‘जोशीमठ बचाओ’ नारे लिखी तख्तियां हाथ में ली हुई थीं।
उन्होंने बताया, गांधी ने प्रदेश के नेताओं से बातचीत में यह भी कहा कि नया हिमालय संवेदनशील है लेकिन उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत बनाए गए नियमों का पालन नहीं हो रहा है तथा विकास के नाम पर अनियंत्रित विस्फोट किए जा रहे हैं। माहरा ने कहा, ‘‘2021 में हुए ऋषिगंगा हादसे के बाद यदि समय रहते सरकार चेत गयी होती तो शायद जोशीमठ भूधंसाव जैसी यह नौबत नहीं आती। इसके अलावा क्षेत्र में चल रहे अन्य विकास कार्यों पर भी सरकार को एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे तथा उन पर पैनी नजर रखनी चाहिए थी।”