उत्तराखंड

मोदी के प्रयासों से प्रदेश में बारहमासी पर्यटन का श्रीगणेश- महाराज

प्रधानमंत्री के संदेश के बाद अब उत्तराखंड टूरिज्म को लगेंगे पंख

भूमि संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए “भूमि बंदोबस्त” के भी दिये निर्देश

देहरादून। पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तरकाशी जनपद स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन पूजा स्थल हर्षिल-मुखबा में शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश करने पर उत्तराखंड की जनता की ओर से हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।

पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तरकाशी जनपद स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन पूजा स्थल हर्षिल-मुखबा में शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश करने पर उत्तराखंड की जनता की ओर से उनका हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखबा में आने के पश्चात अब निश्चित रूप से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उत्तराखंड में बारहमासी पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इससे जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखबा में दिये संदेश के बाद दुनिया के पर्यटक बड़ी संख्या में उत्तराखंड का रुख करेंगे वर्ष भर पर्यटन के विस्तार को नया आयाम मिलेगा।

महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंड को रोपवे की बड़ी सौगात देने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे केदारनाथ एवं हेमकुंड यात्रा पर आने वाले बुजुर्गों और महिलाओं की बड़ी राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखबा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और उनकी धर्मपत्नी पूर्व पर्यटन मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने मुखबा में गंगा माता की पूजा अर्चना करने के बाद बताया कि हमारी सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है। महाराज ने कहा कि हमने इस क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों की समस्यायों के निराकरण हेतु भूमि संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए भूमि बंदोबस्त के भी निर्देश दिए हैं। निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लिए भूमि बंदोबस्त एक वरदान साबित होगा।

उन्होंने कहा कि कहा कि “बाईब्रेंट विलेज योजना” के अंतर्गत उत्तरकाशी के जांदुग गांव का डेस्टिनेशन मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें गांव के जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को पुननिर्मित करते हुए होम स्टे के रूप में विकसित किए जाने का अभिनव प्रयास किया गया। भारत सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत यमुनौत्री तथा गंगोत्री धाम में रू0 993.00 लाख (नौ करोड़ तिरानवे लाख) के विभिन्न कार्य सम्पादित कराए गए। गंगोत्री-यमुनोत्री का मास्टर प्लान में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि यमुनोत्री में यात्रियों की सुविधाओं के लिए हैलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा जानकीचट्टी से यमुनोत्री मंदिर तक रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाना भी प्रस्तावित है।

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