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CAPF जवानों की मानसिक स्वास्थ्य समस्या गंभीर, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार, 4 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के कर्मियों की मानसिक और सामाजिक चुनौतियों पर एक रिपोर्ट साझा की। इस रिपोर्ट ने जवानों के बीच बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं और बड़े पैमाने पर इस्तीफे व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की समस्या को उजागर किया।

730 जवानों ने की आत्महत्या, 55,000 ने छोड़ी नौकरी
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में 730 जवानों ने आत्महत्या की है, जबकि 55,000 से अधिक कर्मियों ने इस्तीफा दिया या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि जवानों द्वारा की गई 80% आत्महत्याएं छुट्टी से लौटने के बाद हुईं।

आत्महत्या के प्रमुख कारण
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में आत्महत्या के पीछे मुख्य कारण बताए गए:
जीवनसाथी या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु।
वैवाहिक समस्याएं, जैसे कलह या तलाक।
आर्थिक कठिनाइयां।
बच्चों की परवरिश और भविष्य की चिंता।

समस्या के समाधान के लिए उठाए जा रहे कदम
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई पहल की गई हैं:
100-दिवसीय अवकाश नीति: जवानों को उनके परिवार के साथ 100 दिन बिताने की अनुमति दी जा रही है। अक्टूबर 2024 तक 6,302 कर्मियों ने इस पहल का लाभ उठाया।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान:
अधिकारियों और सैनिकों के बीच अधिक संवाद सुनिश्चित किया जा रहा है।
ड्यूटी के घंटों को सही तरीके से बांटने और मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।
बेहतर रहने की स्थिति का प्रावधान किया जा रहा है।

महिला कर्मियों में आत्महत्या की दर कम
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिला कर्मियों के बीच आत्महत्या की घटनाएं अपेक्षाकृत कम हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि परिवार से जुड़ी चिंताएं और व्यक्तिगत दबाव पुरुष कर्मियों पर अधिक प्रभाव डाल रहे हैं।

काम के दबाव के साथ पारिवारिक समस्याएं मुख्य चुनौती
गृह मंत्रालय ने कहा कि काम का दबाव एक कारक है, लेकिन आत्महत्याओं के पीछे पारिवारिक समस्याएं मुख्य कारण के रूप में सामने आई हैं। सरकार जवानों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर इन चुनौतियों से निपटने का प्रयास कर रही है।

इस रिपोर्ट ने CAPF कर्मियों की स्थिति पर एक गंभीर बहस को जन्म दिया है और उनकी भलाई के लिए उठाए जा रहे कदमों को और अधिक प्रभावी बनाने की मांग की है।

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