अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान अब ड्रोन से मरीजों को दवा पहुंचाएगा। यह चिकित्सा सुविधा ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान ने शुरू कर दी है। इसके साथ ही यह देश का पहला संस्थान बन गया है जो ड्रोन के माध्यम से चिकित्सा सेवा दे रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सेवा एक फरवरी से नियमित शुरू हो गई है।
इससे उत्तराखंड के पहाड़ी दूरस्थ क्षेत्रों में आपात स्थिति के दौरान गंभीर बीमारी की दवाएं या दुर्घटना में गंभीर घायल के लिए ब्लड कंपोनेंट कुछ ही मिनटों में पहुंचाया जा सकेगा। एक फरवरी से एम्स ऋषिकेश में नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू हो गई है। एम्स से ड्रोन दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए उड़ान भरेगा।
डॉ. गैरोला ने बताया कि इस सेवा के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन से सामग्री उतारना या चढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें नमो ड्रोन दीदी का नाम दिया गया है। मेडिकल ड्रोन सेवा के लिए टिहरी, चंवा, हिंडोलाखाल और यमकेश्वर के लिए मैपिंग हो चुकी है। इन स्थानों के लिए पाथ तैयार कर लिया गया है।