![landslide-from-varunavat-mountain-late-night-in-uttarkashi-many-vehicles-buried-under-debris](https://uttarakhand24.in/wp-content/uploads/2024/08/landslide-from-varunavat-mountain-late-night-in-uttarkashi-many-vehicles-buried-under-debris-780x445.jpg)
उत्तरकाशी में अत्यधिक में वरुणावत पर्वत से रूक-रूककर बोल्डर गिरे, जिससे घबरा कर गोफियारा क्षेत्र में कई परिवार अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं, मूसलाधार बारिश से गाड़-गदेरे उफान पर हैं. गोफियारा क्षेत्र में एक गदेरे के उफान पर आने से सड़क पर खड़े दोपहिया वाहन मलबे में दब गए। वहीं डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।
वाहन स्थानीय लोगों के बताए जा रहे हैं। फिलहाल जनहानि की सूचना नहीं है। भटवाड़ी रोड व गोफियारा जलसंस्थान कालोनी के निकट रहने वाले एक दर्जन से अधिक परिवारों को काली कमली धर्मशाला में शिफ्ट किया गया है। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट एवं अन्य अधिकारी, जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एसडीआएफ व प्रशासन की टीम गोफ़ियारा क्षेत्र में मौजूद है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। साथ ही किसी भी संभावित स्थिति से निपटने की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आपातकालीन परिचालन केंद्र में मौजूद रहे. जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीआएफ व प्रशासन की टीम गोफियारा क्षेत्र में डटी रही. गौफियारा जल संस्थान के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण जिलाधिकारी ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं अन्य व्यवस्थाएं करने हेतु दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिए. बता दें कि वर्ष 2003 में वरूणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था, जिसके चलते कई बहुमंजिला होटल ध्वस्त हो गए थे, उस त्रासदी को याद कर आज भी लोग कांप उठते हैं.