देहरादून को पांवटा साहिब से सीधे जोड़ने वाले एकमात्र पुल की हालत जर्जर हो चुकी है। वर्ष 1970 में यमुना नदी पर बना 750 मीटर लंबा पुल भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान कंपन करने लगता है। ऐसे में पुल की मौजूदा स्थिति कभी भी खतरनाक साबित हो सकती है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भी पुराने पुल से निजात पाने के लिए एक नए पुल के निर्माण की दिशा में कदम उठाए हैं। यमुना नदी पर बना यह पुल अब डेढ़ लेन का है, जबकि यहां पर फोर लेन ट्रैफिक का दबाव है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल प्रदेश के लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य के बीच हुई वार्ता में पुल की जल्द से जल्द मरम्मत कराने पर सहमति बनाई गई। लेकिन, इसके लिए पुल को करीब 02 माह यातायात के लिए बंद करना पड़ेगा। फिलहाल यही सबसे बड़ी चिंता और चुनौती भी है।