शिक्षा विभाग के नए नियमों के मुताबिक नर्सरी में प्रवेश की आयु सीमा तीन वर्ष और कक्षा एक में प्रवेश की आयुसीमा छह वर्ष पूर्ण होना जरूरी है। इसके चलते यूकेजी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आयु कम होने पर कक्षा एक में प्रवेश नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में यूकेजी के बच्चों को दोबारा यूकेजी में ही एडमिशन लेना पड़ता, लेकिन शासन की ओर से नियमों में संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक वर्तमान में जिन बच्चों ने प्री प्राइमरी स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में प्रवेश लिया है, उन्हें कक्षा एक में अध्ययन की अनुमति पूर्व के वर्षों की भांति प्रदान की जाएगी। ताकि उनके आगे की पढ़ाई की निरंतरता में कोई व्यवधान ना हो।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी मनोज तिवारी ने नए शासनादेश पर राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष विवेक पांडे ने कहा कि शासनादेश सराहनीय है, इससे अब उन बच्चों को भी स्कूलों में दाखिला मिल सकेगा, जो उम्र बाध्यता के कारण से प्रवेश नहीं ले पाए थे और घर पर बैठने को मजबूर थे।