उत्तराखंड के चंपावत जिले से हैरान करने खबर सामने आई है, शिशु मंदिर में तैनात शिक्षिका की हुई मौत। दरअसल शिक्षिका ने चाय के साथ चूहे मारने की दवा को बिस्कुट समझकर खा लिया। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए एसटीएच लेकर आए। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
चंपावत जिले के ग्राम अमोड़ी निवासी 18 वर्षीय विमला पुत्री चिंतामणि क्षेत्र के ही शिशु मंदिर में शिक्षिका थी। उसके पिता ने बताया कि शनिवार को उनके घर में पड़ोस के कुछ बच्चे कोचिंग पढऩे के लिए आए थे। विमला ने बच्चों को पढ़ाने के बाद रसोई में आकर चाय बनाई। इसके बाद वह चाय का कप लेकर अपने कमरे में चली गई।
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कमरे के अंदर परिवारजनों ने एक कागज में चूहे मारने के लिए बिस्कुट रखे हुए थे। उन बिस्कुट को विमला ने खाने वाले बिस्कुट समझ कर दो बिस्कुट खा लिए। कुछ देर बाद उसे उल्टी होने लगी। तबीयत नाजुक होने पर वह उसे जिले के एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां से उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। वहीं, परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।