दून-दिल्ली रूट पर उत्तराखंड रोडवेज ने मुंबई की कंपनी की इलेक्ट्रिक बसें चलाने की अनुमति दे दी है। इस कंपनी को पांच बसें चलाने की अनुमति दे दी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस रूट पर तीन महीने का ट्रायल होगा। यदि ट्रायल सफल रहा तो रोडवेज इस रूट पर अनुबंध के आधार पर शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा। दरअसल, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए डीजल से चलने वाले पुरानी बसों की एंट्री कभी भी बंद कर सकती है।
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रोडवेज ने तीन महीने पहले दिल्ली रूट पर अनुबंध पर सीएनजी बसें चलाने के लिए टेंडर किए, लेकिन बहुत कम वाहन स्वामी बसें चलाने को आगे आए। 141 बसों के लिए हुए टेंडर में वाहन स्वामी सिर्फ 40 बसें रोडवेज को देने के लिए आगे आए। यह बसें भी अभी तक रोडवेज को नहीं मिल पाई हैं। रोडवेज इस समय देहरादून-दिल्ली मार्ग पर कुल 26 सुपर लग्जरी वाल्वो बसों का संचालन कर रहा। इसमें 24 बसें दिल्ली व शेष दो बसें गुरुग्राम के लिए चल रही हैं। ये बसें डीजल से संचालित होती हैं। इस वक्त दिल्ली में प्रदूषण को लेकर जो प्रतिबंध लग रहे हैं, उसमें आठ वर्ष से अधिक आयु वाली डीजल बस दिल्ली नहीं जा सकती।
दिल्ली सरकार ने सभी राज्यों को पत्र भेज दिल्ली के लिए इलेक्ट्रिक या सीएनजी बस चलाने की सिफारिश की है। डीजल बस बीएस-6 श्रेणी की होगी, तभी दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। बीएस-4 श्रेणी वाली बसों के दिल्ली में प्रवेश पर एक अक्टूबर से प्रतिबंध लगना था, लेकिन राज्य सरकारों के आग्रह के बाद इसे 31 मार्च 2023 तक के लिए टाल दिया गया। ऐसे में राज्यों को मार्च तक बीएस-6 डीजल बस, इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसों की व्यवस्था करनी है।
इसी क्रम में उत्तराखंड रोडवेज ने मुंबई स्थित ग्रीन सेल एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ इलेक्ट्रिक लग्जरी बसों का अनुबंध किया है। कंपनी ने ट्रायल के लिए पांच बसें उपलब्ध करा दी हैं, जो शनिवार से दून-दिल्ली मार्ग पर दौड़ेंगी। रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार इलेक्ट्रिक लग्जरी बसों का दून से दिल्ली तक किराया वाल्वो बसों के समान 888 रुपये ही रहेगा। आनलाइन टिकट बुकिंग में 24 रुपये अतिरिक्त लगेंगे।