बुडाकोटी 5 जुलाई, 1948 को सेना के बंगाल इंजीनियर्स ग्रुप में शामिल हुए। अपने अनुपम शौर्य एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन से उन्होंने देश के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की।
मातृभूमि की रक्षा के लिए पांच युद्ध लड़ने वाले अनुपम गौरव सेनानी कैप्टन जयकृष्ण बुडा़कोटी (रि.) का निधन हो गया है। वह 95 वर्ष के थे। उनके निधन पर विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक दलों और संगठनों से शोक जताया है। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
उनके परिवार में दो पुत्र, तीन पुत्रियां और 11 नाती- पोते हैं। उनके निधन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, चाई ग्रामोत्सव समिति एवं क्षेत्रीय जनता ने गहरा शोक जताया है और उनके अवसान को देश समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
युद्धों में भागीदारी
1. *1948 का भारत-पाक युद्ध (श्रीनगर-जम्मू कश्मीर)*: इस युद्ध में कैप्टन बुड़ाकोटी ने अपनी बहादुरी और सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया।
2. *1961 का गोवा मुक्ति संग्राम (गोवा)*: इस अभियान में कैप्टन बुड़ाकोटी ने गोवा की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. *1962 का भारत-चीन युद्ध (बोमडिला-अरुणाचल प्रदेश)*: इस युद्ध में कैप्टन बुड़ाकोटी ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
4. *1965 का भारत-पाक युद्ध (बीरूबाड़ी-पश्चिम बंगाल)*: इस युद्ध में कैप्टन बुड़ाकोटी ने अपनी बहादुरी और सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया।
5. *1971 का भारत-पाक युद्ध/बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (जैसोर-पश्चिम बंगाल)*: इस युद्ध में कैप्टन बुड़ाकोटी ने बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।