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नेशनल गेम्स के दौरान इस्तेमाल पानी की खाली बोतलों से बनी है बेंच

38 वे राष्ट्रीय खेलों के दौरान इस्तेमाल की गई पानी की खाली बोतलों को रिसाइकल कर बेंच बना दी गई है। शुक्रवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में इन बैंचों का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित करने का ऐलान किया था और इस दिशा में कई नूतन पहल की थी। इनमें से यह भी एक पहल थी। जिन पानी की बोतलों का इस्तेमाल खिलाड़ियों व अन्य लोगों ने किया, उन खाली बोतलों को सभी आयोजन स्थलों से एकत्र करके रीसायकल किया गया और फिर उनसे इन बैंचों का निर्माण किया गया है। खेल मंत्री ने बताया कि फिलहाल 10 बेंच तैयार होकर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में पहुंच गई है और उन्हें छात्रों के इस्तेमाल के लिए स्थापित कर दिया गया है। जल्द ही 20 और बेंच तैयार होकर आ जाएंगी। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस अवसर पर कहा कि इस पहल के जरिए उत्तराखंड ने खेलों के जरिए भी पर्यावरण संरक्षण करने की दिशा में एक बेंचमार्क स्थापित किया है। इस अवसर पर स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्र खिलाड़ियों ने भी खेल अभ्यास, खेल प्रतियोगिता के दौरान जो स्पोर्टस वेस्टैज निकलता है, उसके रचनात्मक और रीसाइकिल्ड उपयोग करने की शपथ ली। इस अवसर पर विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निर्देशक प्रशांत आर्य, स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश मंमगाई आदि मौजूद रहे।

क्या किया…क्या पाया

– कार्यक्रम से पहले 9 जनपदों और 13 आयोजन स्थलों पर सूचना, शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाया गया

– ⁠मिशन जीरो प्लास्टिक बोतल अपशिष्ट के लिए आयोजन स्थलों का दौरा किया गया और टीमों को शिक्षित किया गया

– 200 से अधिक कूड़ा बीनने वाले और 100 सफाई कर्मचारियों के सहयोग से एकत्र की गई खाली बोतले

– प्लास्टिक वेस्टैज की स्रोत पर, पिकअप स्थल पर और डंप यार्ड पर जियो टैगिंग की गई

– राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान कुल 3,00,000 बोतलें एकत्र करके रीसायकल की गई

– 9870 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन बचाया

– ⁠2,67,000 (लगभग) मेगा जल ऊर्जा की बचत हुई

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