शासन-प्रशासन ने इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रखा है। पहाड़ों की रानी मसूरी का कुछ हिस्सा अब अतिक्रमण मुक्त नजर आने लगा है। पिछले कई दिनों से मसूरी में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत चल रही कार्रवाई के चलते अब मसूरी को कुछ ‘सांसें’ आने लगी हैं।
अजब गजब : 94 साल की भगवानी ने किया भारत का नाम रोशन.. जीता गोल्ड
गुरुवार को यह टीम चिह्नित किए गए अतिक्रमण स्थलों पर जेसीबी के साथ पहुंची और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान अधिकारियों को विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन पुलिस बल की उपस्थिति के कारण स्थिति काबू में रही। इस दौरान विरोध करने पर एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। अतिक्रमण हटाओ अभियान उप जिलाधिकारी मसूरी नरेश सी दुर्गापाल के नेतृत्व में चलाया गया। टीम ने बाटाघाट, मोतीलाल मार्ग, कैम्पटी रोड, बस स्टैंड, किंक्रेग आदि क्षेत्रों से कुल 126 अतिक्रमण हटाए।
पिछले कई सालों से लगातार बढ़ते अतिक्रमण के चलते मसूरी में चलना भी दूभर होने लगा था। पर्यटन सीजन में तो मसूरी के भीतर चलना मुश्किल सा हो जाता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार मसूरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है और इसका नतीजा दिखने लगा है।
दून से मसूरी तक बुलडोजर
आमवाला तरला में नगर निगम के बुलडोजर में मजदूरों की एक बस्ती पूरी तरह से तोड़ दी। इस बस्ती में ईंटों के 21 मकान बनाये गये थे। पिछले दिनों नगर निगम के दस्ते ने कुछ दीवारें तोड़ी थी। विरोध और शिकायतों के बाद मेयर ने पहले तीन दिन और बाद में तीन महीने का समय दिया था। लेकिन तीन महीने का आश्वासन हवा हो गया। तीन दिन में ही बस्ती को पूरी तरह से उजाड़ दिया गया।