41 मजदूरों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में पांच से छह घंटे का वक्त और लग सकता है। दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को आज इगास(बग्वाल) के दिन बाहर निकाला जा सकता है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 264 घंटे से ऊपर का समय बीत चुका है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था। जब अचानक ऊपर से मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। उम्मीद है अब कुछ ही देर में मजदूर सुबह का सूरज देख पाएंगे।
उत्तरकाशी सुरंग में राहत बचाव कार्य का आज 12वां दिन हैं. अब सिर्फ 6-8 मीटर का दायरा ड्रिलिंग के लिए बाकी है. लेकिन ऑगर मशीन में कुछ खराबी के चलते उसे बंद कर दिया गया है. दिल्ली से 7 एक्सपर्ट हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं. ऑगर मशीन में खराबी को ठीक करने के लिए हेलिकॉप्टर से एक और मशीन लाई गई है. अंदर फंसे मजदूरों के बाहर आते ही सबसे पहले मेडिकल चेकअप किया जाएगा. उसके बाद बाकी की प्रोसेस की जाएगी. यहां टनल में 12 नवंबर से मजदूर फंसे हुए हैं. बचावकर्मियों ने मलबे के बीच 45 मीटर तक चौड़े पाइप सफलतापूर्वक डाल दिए हैं. अब सिर्फ कुछ मीटर की दूरी तय करना बाकी है.
उसके बाद मजदूरों तक बचाव कर्मी पहुंच जाएंगे और उन्हें पाइप के जरिए बाहर लेकर आएंगे. मजदूरों तक पहुंचने के लिए बचावकर्मियों को कुल मिलाकर करीब 57 मीटर तक ड्रिलिंग करनी पड़ी. रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने बताया कि ‘रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है। उम्मीद है 1-2 घंटे में नतीजे आ जाएंगे। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है। मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर हटा दिया गया है। इससे मजदूरों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बंधी है।